ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-तुर्की संबंधों में तनाव: अगर मोदी सरकार सभी व्यापारिक संबंध तोड़ती है तो महंगे हो सकते हैं ये सामान

22 मई 2025

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर चार दिन तक चली भारत की सफल सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद अब इसका असर केवल सीमा तक सीमित नहीं रहा। इस ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन से हमले किए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक रोक दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये ड्रोन तुर्की द्वारा पाकिस्तान को दिए गए थे, जिससे भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा बढ़ गया है।

अब देश में तुर्की से आयात किए जाने वाले सामानों के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। व्यापारी वर्ग से लेकर आम नागरिक तक तुर्की के साथ सभी व्यापारिक और राजनयिक संबंध तोड़ने की मांग कर रहे हैं। यदि सरकार ऐसा कोई बड़ा निर्णय लेती है, तो भारत में कई जरूरी और लोकप्रिय सामान महंगे हो सकते हैं।


1. मार्बल: निर्माण उद्योग पर बड़ा असर

भारत अपना 70% मार्बल तुर्की से आयात करता है। तुर्की का मार्बल अपनी क्वालिटी और डिज़ाइन के लिए जाना जाता है और भारत के रियल एस्टेट व इंटीरियर डिज़ाइन सेक्टर में इसकी भारी मांग है। अगर तुर्की से आयात बंद होता है तो मार्बल के दाम तेज़ी से बढ़ सकते हैं और निर्माण क्षेत्र पर व्यापक असर पड़ेगा।


2. सेब: फलों की कीमतें भी होंगी प्रभावित

भारत तुर्की से हर साल लगभग 1.29 लाख टन सेब आयात करता है। हाल ही में कई व्यापारियों ने तुर्की से सेब मंगाने से इनकार कर दिया है। यदि सरकार इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाती है, तो बाजार में सेब की कमी हो सकती है और कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है


3. कालीन और गलीचे: लक्ज़री होगी महंगी

तुर्की के ऊन और रेशम के कालीन भारत में काफी पसंद किए जाते हैं। ये मुख्यतः अमीर घरों, होटलों और ऑफिस स्पेसेस में उपयोग होते हैं। यदि तुर्की से आयात बंद हो गया तो बाजार में इनकी उपलब्धता घटेगी और कीमतें काफी बढ़ सकती हैं


4. डेकोरेटिव आइटम्स: सुंदरता होगी महंगी

तुर्की की सजावटी वस्तुएं—जैसे मोज़ेक लैंप, सिरेमिक लाइट्स, और ग्लास डेकोर—भारत के महानगरों में खूब बिकती हैं। इनकी सुंदरता और यूनिक डिज़ाइन के चलते इनकी डिमांड बनी हुई है।

यदि आयात बंद हुआ तो ऐसे उत्पादों की कमी हो सकती है और घरेलू बाज़ार में इनकी जगह सस्ते नकली उत्पाद ले सकते हैं।


5. तुर्की फर्नीचर: होटल उद्योग पर असर

तुर्की का फर्नीचर अपने लक्ज़री डिज़ाइन और आधुनिक फिनिशिंग के लिए जाना जाता है। भारत के होटलों और हाई-एंड रेसिडेंशियल प्रोजेक्ट्स में इसकी भारी मांग है। यदि व्यापारिक संबंध टूटते हैं तो यह आपूर्ति बाधित हो सकती है और दाम बढ़ने के पूरे आसार हैं


6. सूखे मेवे, मसाले और हर्बल चाय: सेहत पर असर

तुर्की से भारत में चेरी, सूखे अंजीर, खुबानी, किशमिश, मसाले और हर्बल टी जैसे कई हेल्दी प्रोडक्ट्स आते हैं। ये मुख्य रूप से हेल्थ कॉन्शियस उपभोक्ताओं और गिफ्ट पैकिंग इंडस्ट्री में लोकप्रिय हैं।

यदि आयात बंद हुआ तो इनकी उपलब्धता घटेगी और कीमतें बढ़ेंगी, खासकर त्योहारों के दौरान।


7. ऑलिव ऑयल और चॉकलेट: किचन पर असर

तुर्की अब ऑलिव ऑयल और आर्टिसनल चॉकलेट्स के निर्यातक के रूप में उभर रहा है। भारतीय उपभोक्ताओं को ये किफायती कीमत पर उपलब्ध हो जाते हैं। यदि ये सप्लाई बंद हो जाती है, तो इटली और स्पेन जैसे देशों से महंगे विकल्प ही बचेंगे।


भारत-तुर्की व्यापारिक संबंध: आंकड़ों की नजर से

अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्की को लगभग ₹44,500 करोड़ के उत्पाद निर्यात किए। वहीं, 2023-24 में यह आंकड़ा ₹56,873 करोड़ तक पहुंचा। इससे स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध काफी स्थिर और मजबूत रहे हैं।


तनाव की वजह: तुर्की की भूमिका पर सवाल

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा भारत पर किए गए ड्रोन हमलों में तुर्की की भूमिका की खबरें सामने आने के बाद भारतीय जनता में गहरा आक्रोश पैदा हुआ है। इस बीच कई संगठनों ने तुर्की से आयात पर रोक लगाने और उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।

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