नई दिल्ली, 12 मई 2025 — भारत और पाकिस्तान के बीच अचानक हुए सीज़फायर और अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव में राहत के चलते भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को जोरदार तेजी देखी गई। सेंसेक्स लगभग 3000 अंकों की बढ़त के साथ 82,429 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 916 अंकों की छलांग लगाकर 24,924 के करीब पहुंच गया। यह बीते चार वर्षों की सबसे बड़ी एकदिनी तेजी मानी जा रही है।
सीज़फायर और व्यापार समझौते ने दिलाया भरोसा
शनिवार को भारत और पाकिस्तान ने भूमि, जल और वायु क्षेत्र में सभी सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई थी। यह समझौता अप्रैल 22 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आया जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। इस हमले के जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया था।
इस बीच, अमेरिका और चीन ने भी अपने बीच व्यापार शुल्क को 125% से घटाकर 10% करने का समझौता किया, जिससे वैश्विक बाजारों में सकारात्मक संकेत पहुंचे। हालांकि अमेरिका द्वारा चीन से आयातित फेंटानिल संबंधी वस्तुओं पर 20% शुल्क अभी भी बरकरार रहेगा।
तेजी का नेतृत्व टेक स्टॉक्स के हाथ में
सोमवार की तेजी में सबसे अहम भूमिका टेक कंपनियों ने निभाई। निफ्टी IT इंडेक्स में 6.7% की तेजी देखी गई, जो पिछले पांच वर्षों की सबसे बड़ी इंट्राडे बढ़त है। इसके अलावा निफ्टी रियल्टी, निफ्टी मेटल और निफ्टी ऑटो में भी 3.4% से 6% तक की बढ़त देखी गई।
मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में भी तेजी
बाजार की इस रैली में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने भी भागीदारी निभाई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 4.12% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 4.27% की बढ़त दर्ज की गई। इससे बाजार पूंजीकरण ₹5 ट्रिलियन के पार चला गया।
विश्लेषकों की राय: बाजार में बने रहेंगे अवसर, पर सावधानी जरूरी
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा, “भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर और अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के साथ आज बाजार में जो सकारात्मक माहौल बना, वह हालिया समय की सबसे मजबूत तेजी का कारण बना। हालांकि बाजार में उत्साह बना रहेगा, लेकिन आने वाले समय में कुछ मुनाफावसूली भी देखने को मिल सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “FIIs की लगातार खरीदारी और रिटेल निवेशकों की भागीदारी ने भी इस तेजी को मजबूती दी है। हालांकि निवेशकों को अब कॉर्पोरेट नतीजों पर नजर रखनी होगी, ताकि यह रैली टिकाऊ बन सके।”
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने और वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव में नरमी आने से भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों का विश्वास फिर से लौटा है। सेंसेक्स और निफ्टी की यह तेजी संकेत देती है कि स्थिर भू-राजनीतिक माहौल और वैश्विक सहमति बाजार के लिए सकारात्मक साबित हो सकती है। निवेशकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, लेकिन लंबी अवधि के लिए निवेश करने से पहले सतर्कता बरतना भी आवश्यक है।
Share this content: